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केन्द्रीय विद्यालय संगठन एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से संबंद्ध विद्यालयों के विद्यार्थियों की हिन्दी एवं सामाजिक विज्ञान विषय में सतत् एवं समग्र मूल्यांकन की प्रभाविता का अध्ययन 
Study of the effectiveness of continuous and comprehensive assessment in Hindi and social science subjects of students of schools affiliated with Kendriya Vidyalaya Sangathan and Board of Secondary Education, Bhopal.

ठाकुर, हिम्मत सिंह
प्राचार्य, विश्वभारती इंस्टीट्युट ऑफ एज्युकेशन, उज्जैन (म.प्र.
)
 

Thakur, Himmat Singh

Principal, Vishwabharti Institute of Education, Ujjain

प्रस्तावना 


शिक्षा राष्ट्र की आत्मा है। शिक्षा मानव जीवन का प्रमुख अंग है शिक्षा के बिना मनुष्य अधुरा है। शिक्षा ही उसे पशुत्व के संकीर्ण घेरे से निकालकर दैवत्व के उच्च शिखर पर पहुँचाती है। शिक्षा मानव को असत्य से सत्य की ओर व अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाती है।
स्वामी विवेकानन्द ने शिक्षा को परिभाषित करते हुए कहा है कि ‘‘शिक्षा मनुष्य में निहित पूर्णता का प्रकटीकरण है।’’ अर्थात् शिक्षा मनुष्य का समग्र विकास करती है। शिक्षण, अधिगम तथा परीक्षा मूल्यांकन-शिक्षा प्रणाली के ये तीन ऐसे आधार स्तंभ है, जिनके ऊपर शिक्षा प्रणाली का विशाल भवन स्थित रहता है। जिस प्रकार भवन की दृढ़ता उसके आधार पर निर्भर करती है ठीक उसी प्रकार शिक्षा प्रणाली की सफलता शिक्षण, अधिगम तथा परीक्षा मूल्यांकन के सूचारू ढंग से जारी रहने पर निर्भर करती है। श्रेष्ठतम अध्यापक, प्रतिभाशाली छात्र, समूचित पाठ्यक्रम, आवश्यक सुविधाओं के रहते हुए भी शिक्षा प्रणाली अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में असफल ही सिद्ध होगी यदि शिक्षण प्रक्रिया तथा परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली प्रभावपूर्ण ढंग से कार्य करने में सक्षम न हो।
मूल्यांकन प्रणाली के परम्परागत स्वरूप के बने रहने के कारण वर्तमान मूल्यांकन प्रणाली विगत कई वर्षों से आलोचना का केन्द्र बन गई है। स्वतंत्र भारत की आवश्यकताओं तथा अपेक्षाओं के अनुरूप एक नये भारत के शिक्षा व्यवस्था में सुधार समझा गया तथा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रमुख कार्य मूल्यांकन प्रणाली में परिवर्तन लाना था। इसी को ध्यान में रखते हुए सतत् एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली का विकास हुआ।
सतत् एवं समग्र मूल्यांकन वह मूल्यांकन है जो छात्र के सर्वांगीण विकास से संबंधित है न कि केवल ज्ञानात्मक पक्ष से। यह मूल्यांकन अवधि के आधार पर नहीं किया जाता। वास्तव में उस प्रकार का मूल्यांकन परीक्षा अथवा अपरोक्ष रूप से सदा होता रहता है।

 

Abstract

Education is the soul of the nation. Education is an important part of human life, without education man is incomplete. Only education takes him out of the narrow circle of animality and takes him to the high peak of divinity. Education takes man from untruth to truth and from ignorance to knowledge. While defining education, Swami Vivekananda has said that “Education is the manifestation of the perfection inherent in man.” That is, education leads to the overall development of man. Teaching, learning and examination evaluation – these are the three pillars of the education system, on which the huge edifice of the education system rests. Just as the strength of a building depends on its foundation, similarly the success of the education system depends on the smooth functioning of teaching, learning and examination evaluation. Despite having the best teachers, talented students, proper curriculum and necessary facilities, the education system will fail to achieve its objectives if the teaching process and examination evaluation system is not able to function effectively.

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APA 7th Style

ठाकुरहिम्मत सिंह. (2023). केन्द्रीय विद्यालय संगठन एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से संबंद्ध विद्यालयों के विद्यार्थियों की हिन्दी एवं सामाजिक विज्ञान विषय में सतत् एवं समग्र मूल्यांकन की प्रभाविता का अध्ययन. Shodh Sari-An International Multidisciplinary Journal, 02(01), 101–108. https://doi.org/10.5281/zenodo.7771737

 

MLA 9th Edition

ठाकुरहिम्मत सिंह. “केन्द्रीय विद्यालय संगठन एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से संबंद्ध विद्यालयों के विद्यार्थियों की हिन्दी एवं सामाजिक विज्ञान विषय में सतत् एवं समग्र मूल्यांकन की प्रभाविता का अध्ययन.” Shodh Sari-An International Multidisciplinary Journal, vol. 02, no. 01, Jan. 2023, pp. 101–08. https://doi.org/10.5281/zenodo.7771737.

Chicago 17th Edition

ठाकुरहिम्मत सिंह. “केन्द्रीय विद्यालय संगठन एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से संबंद्ध विद्यालयों के विद्यार्थियों की हिन्दी एवं सामाजिक विज्ञान विषय में सतत् एवं समग्र मूल्यांकन की प्रभाविता का

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