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रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता भारत
रिंकू
सहायक प्राध्यापक, रक्षा अध्ययन विभाग, ज्योतिबा फुले राजकीय महाविद्यालय रादौर, यमुनानगर
सारांश
मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के क्षेत्र में कदम बढ़ा रहा है। इस अभियान के तहत भारत के रक्षा क्षेत्र में शामिल होने के लिए पूरे विश्व से लगभग 500 करोड रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है। 2020 में रक्षा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश की सीमा जो कि पहले 49 प्रतिशत था बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया गया। कुछ मामलों में यह निवेश 100 प्रतिशत तक भी है। जब यह अधिसूचना जारी हुई तो विदेशी शक्तियों का रुझान भारत की तरफ बढ़ा। अब तक भारत सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश है। मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत सैन्य हथियार बनाने के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को टॉप 100 कंपनियों में शामिल किया गया। इसका वर्तमान उदाहरण भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला युद्ध पोत विक्रांत है जोकि 75 प्रतिशत स्वदेशी निर्माताओं द्वारा बनाया गया है। इसे बनाने में लगभग 13 साल का समय लगा। यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारत आने वाले समय में रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा आयातक ही नहीं निर्यातक भी बनेगा।
मुख्य शब्द: रक्षा क्षेत्र, भारत, विदेशी निवेश।
Cite this article
रिंकू. (2022). रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता भारत. Shodh Sari-An International Multidisciplinary Journal, 01(01), 82–88. https://doi.org/10.5281/zenodo.7747872
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